पहली पातशाही श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व में पावन नगरी पहुंच रही संगत की आवभगत के लिए हर कोई पलक-पांवड़े बिछाकर बैठा है। पावन नगरी के 20 किलोमीटर से ज्यादा के दायरे में 70 लंगर लगे हैं। पंजाब सरकार की ओर से पुडा कालोनी माछीजोआ पुल के पार बनाए गए मुख्य पंडाल के सामने 13 एकड़ में सबसे बड़ा लंगर गुरुद्वारा लंगर साहिब डेरा संत बाबा निधान सिंह जी श्री हजूर साहिब नांदेड़ (महाराष्ट्र) वालों ने लगाया है।
संत बाबा नरिंदर सिंह और संत बाबा बलविंदर सिंह कारसेवा वालों की देखरेख में लगाए इस लंगर में प्रतिदिन सवा लाख से ज्यादा संगत लंगर छक रही है। परंपरागत खाने के साथ-साथ स्पेशल फास्ट फूड लंगर की भी व्यवस्था की गई है। यहां पंजाबी से लेकर साउथ इंडियन फूड की व्यवस्था है। लंगर में सुबह की चाय से लेकर रात के खाने तक में 40 से भी ज्यादा तरह के व्यंजन तैयार किए जा रहे हैं।
संत बाबा नरिंदर सिंह व संत बाबा बलविंदर सिंह बताते हैं कि बाबा नानक जी के किरत करो, नाम जपो और वंड छको के फलसफे का इनबिन पालन किया जा रहा है। संगत को लंगर खिलाने से बड़ी कोई सेवा नहीं है। लंगर की रसोई में 50 भट्ठियों का इंतजाम है, लेकिन इस समय केवल 30 भट्ठियां चल रही हैं, जिनमें से 15 पर तो एक-एक टन वाली कढ़ाई व पतीले सब्जी-दाल-चावल बनाने के लिए चढ़े रहते हैं। वहीं एक आरे का भी इंतजाम किया गया है
लंगर की रसोई के इंचार्ज इंद्रजीत सिंह के अनुसार बर्गर के लिए प्रतिदिन 5 लाख टिक्की का बंदोबस्त रात को कर दिया जाता है। संगत के बढ़ने पर यह तादाद बढ़ेगी। रोज एक टन जलेबी बन रही है। कॉफी की 20-25 मशीनें लगी हैं। प्रतिदिन 400 टीन देसी घी की खपत हो रही है। डेरा बाबा नानक में भी लंगर लगा है, तीन नवंबर के बाद वहां लगे कारीगर भी सुल्तानपुर लोधी पहुंच जाएंगे।
ये व्यंजन बन रहे हैं
गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में बढ़ रही संगत की तादाद
श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशपर्व के उपलक्ष्य में ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में प्रतिदिन लाखों की तादाद में संगत नतमस्तक होने पहुंच रही है। शनिवार को गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में लगभग दो लाख से अधिक संगत ने माथा टेका और पावन सरोवर में स्नान किया। एसजीपीसी की ओर से आयोजित 13 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों की रूपरेखा के तहत गुरुद्वारा श्री बेर साहिब और भाई मरदाना जी दीवान हॉल में सुबह से शाम तक गुरमति समागमों का आयोजन किया गया।
सुबह आसां दी वार का कीर्तन सचखंड श्री हरमंदिर साहिब के हजूरी रागी भाई लखविंदर सिंह ने किया। ज्ञानी बलदेव सिंह श्री पाउंटा साहिब वालों ने गुरशबद विचारों से सत्संग को निहाल किया। दिन के दीवान में सचखंड श्री हरमंदिर साहिब अमृतसर के हजूरी रागी जत्थेदार भाई शौकीन सिंह, भाई जरनैल सिंह कोहाड़का, भाई जसपिंदर सिंह और भाई हरपिंदर सिंह ने कीर्तन किया। शाम के दीवान में ज्ञानी किशन सिंह संतन की कुटिया वालों ने संगत के साथ गुरशब्द के विचारों को साझा किया